यहां कोख में सुरक्षित नहीं रहती हैं बेटियां, भोपाल से अच्छा तो भिंड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी किए गए हेल्थ बुलेटिन में यह बात सामने आई है।
भोपाल। प्रदेश के भिंड, मुरैना जैसे जिले जहां सबसे कम लिंगानुपात है वहां पर एबॉर्शन भी सबसे कम दर्ज हुए हैं। जबकि भोपाल जिले में पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ पे्रगनेंसी (एमटीपी) रजिस्टर हुए हैं। जबकि यहां महिला-पुरुष का लिंगानुपात 918 है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी किए गए हेल्थ बुलेटिन में यह बात सामने आई है। इसमें अप्रैल-मई 2016 के आंकड़ों को शामिल किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-मई में भोपाल जिले के विभिन्न अस्पतालों में कुल 9 हजार 739 प्रेगनेंसी रजिस्टर्ड हुई। इनमें से 1368 अचानक हुए एबॉर्शन रजिस्टर्ड हुए हैं।
इसके अलावा गर्भावस्था के 12 हफ्ते के अंदर 271, इसके बाद 9 और निजी अस्पतालों में 903 एमटीपी रजिस्टर्ड किए गए। इस प्रकार 26.2 प्रतिशत एबॉर्शन हुए। इस आंकड़े के आसपास भी कोई जिला नहीं है। इंदौर में एमटीपी 2 प्रतिशत, जबलपुर में 3.9 और ग्वालियर में 13.6 प्रतिशत दर्ज किए गए। खास बात यह है कि जिन जिलों में लिंगानुपात सबसे कम है जैसे भिंड और मुरैना वहां पर भी 2 प्रतिशत से ज्यादा एबॉर्शन नहीं हुए हैं। इसलिए इस रिपोर्ट पर भी कई डॉक्टर ही सवाल उठा रहे हैं।
नाम न छापने की शर्त पर कुछ डॉक्टर्स ने बताया कि जब लिंगानुपात बहुत कम है तो निश्चित तौर पर एमटीपी का रेट ज्यादा होना चाहिए। जानकार इसमें दो तरह की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। एक तो स्वास्थ्य अमले द्वारा लापरवाही की जा रही और एमटीपी सही तरीके से रजिस्टर्ड नहीं की जा रही। दूसरा अवैध रूप से एमटीपी हो रही हैै। हालांकि उपसंचालक मेटरनल हैल्थ डॉ अर्चना मिश्रा का कहना है कि इसमें वही आंकड़े हैं जो अस्पतालों में रजिस्टर्ड हुए हैं।
Hindi News / Bhopal / शर्मनाक: MP के इस शहर में होते हैं सबसे ज्यादा अबॉर्शन, देखें FACT